Hindi (हिंदी) Model Paper 2023 of UP Board Class 10 Model Question Paper for Session 2022-23- modelpaper.info राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 पर आधारित
Hindi (हिंदी) Model Paper 2023 of UP Board Class 10 Model Question Paper for Session 2022-23- modelpaper.info राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 पर आधारित. Up Board Latest Model Paper 2023- Class 10th Hindi New Model Paper 2023 Based on New Education Policy – अब ऐसा पेपर आयेगा 2023 में 20 OMR वाले प्रश्न.
मॉडल पेपर 2022-23
कक्षा-10 विषय – हिन्दी (केवल प्रश्न-पत्र )
समय: तीन घण्टे 15 मिनट पूर्णांक : 70
नोट: (i) प्रारम्भ के 15 मिनट परीक्षार्थियों को प्रश्न पढ़ने के लिए निर्धारित है।
(ii) प्रश्न पत्र दो खण्ड–खण्ड-अ एवं खण्ड-ब में विभाजित है।
(iii) खण्ड अ में 20 अंक के बहुविकल्पीय प्रश्न दिये गये हैं। जिनके उत्तर ओएमआर शीट पर भरें|
(iv) खण्ड ब में 50 अंक के वर्णनात्मक प्रश्न दिये गये हैं। प्रत्येक प्रश्न के सम्मुख अंक दिये गए हैं।
खण्ड-‘अ’
- मुंशी प्रेमचंद द्वारा रचित उपन्यास है– 1
(क) परीक्षा गुरु (ख) गोदान
(ग) अलग-अलग वैतरिणी (घ) इनमें से कोई नहीं
- जयशंकर प्रसाद की कहानी है– 1
(क) कफन ( ख ) ममता
(ग) इन्दुमती (घ) इनमें से कोई नहीं
- निम्न में से माधुरी किस युग की पत्रिका है? – 1
(क) छायावादी (ख) द्विवेदी युग की
(ग) प्रगतिवादी युग की (घ) इनमे से कोई नहीं
- उपन्यास सम्राट कहा जाता है – 1
(क) प्रेमचंद को (ख) सेठ गोविन्ददास को
(ग) हरिकृष्ण प्रेमी को (घ) मोहन राकेश को
- त्रिवेणी के लेखक हैं – 1
(क) पुरुषोत्तम दास टण्डन (ख) मदन मोहन मालवीय
(ग) श्याम सुन्दर दास (घ) रामचन्द्र शुक्ल
- ‘सरस्वती परिका‘ के सम्पादक थे – 1
(क) बालकृष्ण भट्ट (ख) प्रताप नारायण मिश्र
(ग) राधा चरण गोस्वामी (घ) महावीर प्रसाद द्विवेदी
- हिंदी भाषा एवं साहित्य – के लेखक हैं – 1
(क) श्याम सुन्दर दास (ख) रामचन्द्र शुक्ल
(ग) महावीर प्रसाद द्विवेदी (घ) बालकृष्ण भट्ट
- निम्नलिखित कथनों में से कोई एक कथन सही है, उसे पहचानकर लिखिए– 1
(क) ‘आधे अधूरे ‘ नाटक के लेखक डॉ. रामकुमार वर्मा हैं।
(ख) ‘क्या भूलूँ क्या याद करूँ’ आत्मकथा विधा की रचना है।
(ग) ‘गोदान’ के लेखक रामकुमार वर्मा हैं।
(घ) ‘मित्रता’ निबन्ध के लेखक डॉ. श्याम सुन्दर दास हैं।
- हे खग मृग हे मधुकर श्रेणी, तुम देखिय सीता मृग नैनी ।। में कौन-सा रस है– 1
(क) करुण रस (ख) शृंगार रस
(ग) शान्त रस (घ) वीर रस
- बंदौ गुरु पद पदुम परागा| सुरुचि सुवास सरिस अनुराग्गा|।’ के दोनों चरणों में मिलकर कितनी मात्राएँ हैं ? – 1
(क) 12 (ख) 16
(ग) 24 (घ) 32
OMR based questions
- ‘पीपा पात सरिस मन डोला ।’ में किस अलंकार की अभिव्यक्ति हुई है? – 1
(क) रूपक (ख) उपमा
(ग) उत्प्रेक्षा (घ) श्लेष
- ‘दशानन‘ में कौन सा समास है– 1
(क) द्विगु समास (ख) द्वंद्व समास
(ग) बहुव्रीहि समास (घ) इनमें से कोई नहीं
- ‘कोयल ‘ का तत्सम् है – 1
(क) कोकिल (ख) कोइली
(ग) कोयलिया (घ) काकी
- ‘सूर्य ‘ का पर्यायवाची शब्द नहीं है– 1
(क) रवि (ख) अर्क
(ग) मार्तंड (घ) राकेश
- कमल , सरसिज , जलज आदि कहलाते हैं – 1
(क) पर्यायवाची (ख) विलोम
(ग) तद्भव (घ) तत्सम
- विद्यालय- में कौन-सी सन्धि है ? – 1
(क) दीर्घ (ख) गुण
(ग) यण (घ) अयादि
- ‘इत्यादि ‘ में सन्धि विग्रह है – 1
(क) इति+आदि (ख) इत+आदि
(ग) इती+आदि (घ) इति+यादि
- ‘मत्या‘ किस विभक्ति व वचन का रूप है ? – 1
(क) पंचमी विभक्ति एकवचन
(ख) सप्तमी विभक्ति, बहुवचन
(ग) षष्ठी विभक्ति, बहुवचन
(घ) तृतीया विभक्ति एकवचन
- ‘पठ‘ किस लकार का रूप है ? – 1
(क) लोट् लकार (ख) लट् लकार
(ग) लङ् लकार (घ) लृट् लकार
- ‘गमिष्यन्ति‘ किस लकार, पुरुष व वचन का रूप है ? – 1
(क) लृट् लकार, प्रथम पुरुष, बहुवचन
(ख) लट् लकार, प्रथम पुरुष एकवचन
(ग) लोट् लकार उत्तम पुरुष एकवचन
(घ) इनमें से कोई नहीं
खण्ड-“ब’
- निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए – 2+2+2= 6
(क) जब एक बार मनुष्य अपना पैर कीचड़ में डाल देता है, तब फिर यह नहीं देखता है कि वह कहाँ और कैसी जगह पैर रखता है। धीरे-धीरे उन बुरी बातों में अभ्यस्त होते-होते तुम्हारी घृणा कम हो जायगी। पीछे तुम्हें उनसे चिढ़ न मालूम होगी; क्योंकि तुम यह सोचने लगोगे कि चिढ़ने की बात ही क्या है! तुम्हारा विवेक कुंठित हो जायगा और तुम्हें भले-बुरे की पहचान न रह जायगी। अन्त में होते-होते तुम भी बुराई के भक्त बन जाओगे; अतः हृदय को उज्ज्वल और निष्कलंक रखने का सबसे अच्छा उपाय यही है कि बुरी संगत की छूत से बचो।
(i) उपर्युक्त गद्यांश का सन्दर्भ लिखिए।
(ii) रेखांकित अंशों की व्याख्या कीजिए।
(iii) अंत होते होते तुम किसके भक्त बन जाओगे?
अथवा
(ख) कितना जीवन बरस पड़ा है इन दीवारों पर, जैसे फसाने अजायब का भण्डार खुला पड़ा हो। कहानी से कहानी बनती चली गई है। बन्दरों की कहानी, हाथियों की कहानी, हिरनों की कहानी कहानी क्रूरता और भय की दया और त्याग की। जहाँ वेरहमी है वहीं दया का भी समुद्र उमड़ पड़ा है, जहाँ पाए है वहीं क्षमा का सोता टूट पड़ा है। राजा और बंगले, विलासी और भिक्षु, नर और नार्ग, मनुष्य और पशु सभी कलाकारों के हाथों सिरजते चले गए हैं। हैवान की हैवानी को इन्सान की इन्सानियत से कैसे जीना जा सकता है, कोई अंजता में जाकर देखे।
(अ) उपर्युक्त गद्यश का सन्दर्भ लिखिए।
(ब) रेखांकित अंशों की व्याख्या कीजिए।
(स) दीवारों पर बने चित्र किन-किन से सम्बन्धित है?
- निम्नांकित पद्यश पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए– 2+2+2= 6
(क) चरन-कमल बंदौं हरि राइ।
जाकी कृपा पंगु गिरि लंघे, अंधे को सब कछु दरसाइ
बहिरौ सुने, गूँग पुनि बोलै, रंक चलै सिर छत्र धराइ।
सूरदास स्वामी करुनामय, बार-बार बंदौं तिहिं पाइ।।1।।
- प्रस्तुत पद्यांश का संदर्भ लिखिए।
- रेखांकित अंशों की व्याख्या कीजिए।
- ईश्वर की कृपा से क्या क्या संभव है?
अथवा
(ख) गिरा अलिनि मुख पंकज रोकी। प्रगट न लाज निसा अवलोकी ॥
लोचन जल रह लोचन कोना। जैसे परम कृपन कर सोना ॥
सकुची ब्याकुलता बड़ि जानी। धरि धीरजु प्रीतिति उर आनी ॥
तन मन बचन मोर पनु साचा । रघुपति पद सरोज चितु राचा ॥
तौ भगवानु सकल उर बासी । करिहि मोहि रघुबर कै दासी ॥
जेहि के जेहि पर सत्य सनेहू । सो तेहि मिलइ न कछु संदेहू ॥
प्रभु तन चितइ प्रेम तन ठाना। कृपानिधान राम सब जाना॥
सियहि बिलोकि तकेउ धनु कैसे । चितव गरुरु लघु ब्यालहि जैसे ॥
(i) उपर्युक्त पद्यांश का सन्दर्भ लिखिए।
(ii) जिसका जिस पर सत्य स्नेह होता है, उसके साथ क्या होता है?
(iii) उपर्युक्त पद्यांश में किसकी स्थिति का वर्णन है?
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- (क) निम्नलिखित संस्कृत गद्यांशों में से किसी एक का सन्दर्भ सहित हिन्दी का अनुवाद अपने शब्दों में कीजिए- 1+3 =4
(i) वाराणसी सुविख्याता प्राचीना नगरी इयं विमलसलिलतरङ्गायाः गङ्गायाः कूले स्थिता। अस्याः घट्टानां वलयाकृतिः पङ्क्तिः धवलायां चन्द्रिकायां बहुराजते अगणिताः पर्यटका: सुदूरेभ्यः नित्यम् अत्र आयान्ति, अस्याः घट्टानाञ्च शोभां विलोक्य इमां बहुप्रशंसन्ति ।
अथवा
(ii) (स्थानम्-अलक्षेन्द्रस्य सैन्य शिविरम्। अलक्षेन्द्रः आम्भीकश्च आसीनौ वर्तते। वन्दिनं पुरुराजम् अग्रे कृत्वा एकतः प्रविशति यवन-सेनापतिः।)
सेनापति:–विजयतां सम्राट्।
पुरुराजः–एष भारतवीरोऽपि यवनराजम् अभिवादयते।
अलक्षेन्द्रः-(साक्षेपम्) अहो ! बन्धनगत: अपि आत्मानं वीर इति मन्यसे पुरुराज ?
पुरुराजः–यवनराज ! सिंहस्तु सिंह एव, वने वा भवेतु पजरे वा।
अलक्षेन्द्रः–किन्तु पञ्जरस्थः सिंहः न किमपि पराक्रमते।
(ख) निम्नलिखित संस्कृत पद्यांशों में से किसी एक का सन्दर्भ सहित हिन्दी अनुवाद कीजिए– 1+3 =4
(i) नीर-क्षीर-विवेके हंसालस्यं त्वमेव तनुषे चेत् ।
विश्वस्मिन्नधुनान्यः कुलव्रतं पालयिष्यति कः ॥
अथवा
(ii) बन्धनं मरणं वापि जयो वापि पराजयः ।।
उभयत्र समो वीरः वीरभावो हि वीरता ।।
- (क) निम्नलिखित लेखकों में से किसी एक का जीवन परिचय देते हुए उनकी किन्हीं दो रचनाओं का नाम लिखिए– 3+1 =4
(i) आचार्य रामचन्द्र शुक्ल
(ii) जयशंकर प्रसाद
(iii) डॉ. राजेन्द्र प्रसाद
(ख) निम्नलिखित कवियों में से किसी एक का जीवन परिचय देते हुए उनकी किन्हीं दो रचनाओं का उल्लेख कीजिए -3+1 =4
(i) तुलसीदास
(ii) बिहारी
(iii) सूरदास
- अपनी पाठ्य पुस्तक से कण्ठस्थ किया हुआ कोई एक श्लोक लिखिए जो इस प्रश्न पत्र में न आया हो।
- निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर संस्कृत में दीजिए– 2+2 =4
(अ) वाराणसी किमर्थं प्रसिद्धा ?
(ब) अलक्षेन्द्रः कः आसीत् ?
(स) नागरिकः किमर्थं लज्जितः अभवत् ?
(द) चन्द्रशेखरः कः आसीत् ?
- (क) निम्नलिखित उपसर्गों में से किसी एक के मेल से एक शब्द बनाइए– 1
(i) अप (ii) उप (iii) अति
(ख) निम्नलिखित में से किसी एक प्रत्यय का प्रयोग करके एक शब्द बनाइए – 1
(i) पन (ii) त्व (iii) आई
- निम्नलिखित में से किन्हीं दो वाक्यों का संस्कृत में अनुवाद कीजिए – 2+2 =4
(अ) वह घर जाता है।
(ब) पेड़ से पत्ता गिरता है।
(स) यह राम की किताब है।
(द) मैं बाजार जाऊँगा।
- निम्नलिखित विषयों में से किसी एक विषय पर निबन्ध लिखिए– 5
(i) अनुशासन का महत्व
(ii) पर्यावरण प्रदूषण
(iii) विज्ञान – एक वरदान
(iv) सत्संगति
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- अपने पठित खण्डकाव्य के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों में से किसी एक प्रश्न का उत्तर दीजिए-5
(क) ‘ज्योति जवाहर’ की कथावस्तु संक्षेप में लिखिए। अथवा ‘ज्योति जवाहर’ खण्डकाव्य के नायक ‘जवाहरलाल नेहरू’ का चरित्र चित्रण कीजिए।
(ख) ‘मुक्तिदूत’ खण्डकाव्य के आधार पर महात्मा गाँधी का चरित्र चित्रण कीजिए।
अथवा ‘मुक्तिदूत’ खण्डकाव्य के द्वितीय सर्ग का सारांश लिखिए।
(ग) ‘अग्रपूजा’ खण्डकाव्य के कथानक का सारांश लिखिए।
अथवा ‘अग्रपूजा’ खण्डकाव्य के तृतीय सर्ग (आयोजन) का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
(घ) ‘मेवाड़-मुकुट’ के नायक का चरित्र चित्रण कीजिए।
अथवा ‘मेवाड़-मुकुट’ खण्डकाव्य की कथावस्तु संक्षेप में लिखिए।
(ङ) ‘जय सुभाष’ खण्डकाव्य के आधार पर सुभाषचन्द्र बोस का चरित्र चित्रण कीजिए।
अथवा ‘जय सुभाष’ खण्डकाव्य के पंचम षष्ठ सर्ग की कथा अपने शब्दों में संक्षेप में लिखिए।
(च) ‘कर्मवीर भरत’ खण्डकाव्य के आधार पर भरत का चरित्र चित्रण कीजिए।
अथवा ‘कर्मवीर भरत’ का कथानक संक्षेप में लिखिए। (छ) ‘तुमुल’ खण्डकाव्य का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
अथवा ‘तुमुल’ खण्डकाव्य के प्रतिनायक मेघनाद का चरित्र चित्रण कीजिए।
(ज) ‘मातृभूमि के लिए’ खण्डकाव्य के आधार पर उसके नायक (चन्द्रशेखर आजाद) का चरित्र-चित्रण कीजिए।
अथवा ‘मातृभूमि के लिए’ खण्डकाव्य के आधार पर प्रथम सर्ग (संकल्प) का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
(झ) ‘कर्ण’ खण्डकाव्य की कथावस्तु संक्षेप में लिखिए।
अथवा ‘कर्ण’ खण्डकाव्य के नायक की दानवीरता का वर्णन कीजिए।
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