4 जनवरी 2024 प्रधानमंत्री मोदी अपने सोशल मीडिया हैंडल्स पर लक्ष्यद्वीप की कुछ फोटोज डालते हैं। हालांकि इन फोटोज में मालद्वीप का कोई जिक्र नहीं था। लेकिन मालद्वीप की सरकार में बैठे हुए कुछ पॉलिटिशंस इन फोटोज पर कुछ इस तरीके से रिएक्ट करते हैं।(
- 4 January 2024 Prime Minister Modi posts some photos of Lakshadweep on his social media handles. However, there was no mention of Maldives in these photos. But some politicians sitting in the government of Maldives react to these photos in this way.)
मालद्वीप की सरकार और भारत सरकार के रिश्ते रहे हैं हमेशा अच्छे:
सालों पुरानी दोस्ती दोनों देशों के बीच आज खतरे में आ जाती है। कुछ ही दिनों में हालात इतनी सीरियस हो जाते है की सोशल मीडिया पर बॉयकॉट मालद्वीप का ट्रेंड चलने लगता है। इनकी सरकार के तीन मिनिस्टर, जिनकी वजह से पूरी कॉन्ट्रोवर्सी शुरू हुई ये है मरियम शूना,मलाशा शरीफ, पर अब्दुल्ला मह्जूम मजीद इन्होंने जो कॉमेंट्स किए इंडिया और इंडियन प्राइम मिनिस्टर के ऊपर मानव ऐसा लगता हो इन्सेक्युरिटी की वजह से। प्रधान मंत्री मोदी का एजेंडा लक्ष्यद्वीप को मालद्वीप से भिड़ाने का लेकिन कमेंट्स में कुछ पर्सनल अटैक भी किए गए। मरियम शूना ट्विटर पर धानमंत्री मोदी को इजराइल का पोपट भी कहाँ उन्होंने ये भी कहा लक्षद्वीप के फोटोस मालद्वीप इंडस्ट्री को चैलेंज करने के लिए खींची गई हैं । मह्जूम मजीद ने तो इंडियन को स्टीरियो टाइप करके इंडिया के खिलाफ़ ही कमेंट करने लग गए। इन्होंने ओपन यूरीनेशन के विस्व्वल शेयर की और कहा की इंडियन कल्चर है
भारतियों ने अपने होटल के बुकिंग की रद्द:
सोशल मीडिया पर ये सब की वजह से पूरी लड़ाई छिड़ गईं। जब जब भारतियों ने ये कहना शुरू किया की वो अपनी मालद्वीप की होटेल और फ्लाइट बुकिंग कैंसिल कर रहे हैं। मालद्वीप सरकार को इसकी वास्तविकता समझ में आई और फॉरेन मिनिस्ट्री ने कहा। की जो ओपिनियन जहाँ पर इनके मिनिस्टर्स ने दिया है उनके पर्सनल ओपिनियन है, जिसकी सरकार की कोई प्रतिनिधित्व नहीं है, बाद में इनकी सरकार ने इन तीन मिनिस्टर्स को सस्पेंड कर दी है।
बात है कुछ और:
बट सोशल मिडिया की लड़ाई की नहीं है न बात यहाँ केवल मालद्वीप और लक्ष्यद्वीप की प्रतिस्पर्धा की है, जिंसकी वजह से ये सब हुआ है बात कुछ और है आपको पता होगा मालद्वीप बहुत ही छोटा सा देश के है। जिसमे 5,00,000 लोग रहते हैं। इस देश में लगभग 1000 आइलैंड लेकिन 200 में ही इंसान रहते है लेकिन इनमे 150आइलैंड बेचे जा चुके हैं.इसका मतलब अब मालद्वीप के पास केवल 50 आइलैंड हैं जहा इंडियन टूरिस्ट की बात करें तो 2023 में 2,00,000 से ज्यादा इंडियन टुरिस्ट घूमने गए। 5,00,000 की पॉपुलेशन के देश में 17,00,000 से ज्यादा टूरिस्ट आये थे 2,00,000 से ज्यादा इंडियन टुरिस्ट हैं
मालद्वीप के सहयोग के लिए किये इंडिया ने मिशन:
भारत और मालद्वीप के बीच में मिलिट्री ऑपरेशन भी देखने को मिला। उसमें स्पेशल रोल निभाया है। SAGAR का फुल फॉर्म सिक्योरिटी ऐंड ग्रोथ फॉर ऑल इन द रीज़न 2008 के अराउंड इंडिया की नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी शुरू हुई थी, जिसकी वजह से इंडिया ने श्रीलंका, मालद्वीप , नेपाल, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, पाकिस्तान और म्यांमार स्थित अपने रिलेशनशिप इम्प्रूव किया। करीब 77 इंडियन मिलिट्री ऑफिसर्स और जवान की उपस्थिति है मालद्वीप में और साथ ही साथ दो थ्रू एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर भी इंडिया ने डोनेट किये थे। मॉरिस को 2010 और 2015 की प्रेजेंस और हेलिकॉप्टर देने के पीछे कई कारण हैं। जैसे कि नेचुरल कैलामिटीज़ में मदद करना, सर्च ऐंड रेस्क्यू ऑपरेशन करना। मेडिकल पेशेंट्स की लिफ्टिंग करवाना एक से दूसरे आइलैंड्स तक, लेकिन इसके अलावा इंडिया की वॉरशिप्स मालदीव्स के एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक ज़ोन को भी पेट्रोल करती है। मालद्वीप के आस पास का समुद्र जहाँ पर इल्लीगल ऐक्टिविटी को प्रवेंट करने का काम किया जाता है। आतंकवादी गतिविधि को रोकने के लिए। इन सब के लिए मालद्वीप ने ही इंडिया से रिक्वेस्ट किया था ये करने को साल 2009 में जब मालद्वीप की सरकार को खतरा था की टेररिज़म की अटैक्स हो सकते हैं इनके देश में जो उन्होंने इंडिया से मदद मांगी थी। मिलिट्री ऐसिड्स और सर्विलांस की कैपेबिलिटीज नहीं थी, लेकिन यही मदद और इंडिया की मिलिट्री प्रेजेंस माल्दीव की पॉलिटिक्स में पिछले कुछ सालों से कॉन्ट्रोवर्सी का एक बड़ा मुद्दा बन गयी कुछ पॉलिटिकल पार्टीज इसके बिल्कुल फेवर में नहीं है और चाहती है कि भारत अपनी मिलिट्री वापस ले जाए।
सरकार बदलते ही फिर से सुधार सकते हैं रिश्ते:
चार पांच सालों बाद अगर फिर से सत्ता पलटती है मालदीव्स में प्रो। इंडिया पार्टी पावर में आती है तो इंडिया का नजरिया मालदीव्स को लेकर बदल सकता है। जो बॉयकॉट मोदी के नारे लगाए जा रहे हैं। ये गो टू मालद्वीप के नारों में बदल सकते हैं कुछ सालों बाद फिर से। इसमें जो भी कुछ हो, हम इंडियन टूरिज्म को तो हमेशा प्रोमोट कर ही सकते। बस एक चीज़ यहाँ पर ध्यान रखने वाली है। लोकल टूरिज्म को प्रोमोट करते हुए लोकल बायोडाइवर्सिटी का और लोकल लोगों का भी ध्यान रखा जाना चाहिए। पर्यावरण और लोकल लोगों को खत्म करके नहीं आना चाहिए।
धन्यवाद् !