Hindi Kavya Sahitya ka itihas हिंदी पद साहित्य का इतिहास कक्षा 12 यूपी बोर्ड 2022|183 प्रश्नों का हल 

हिन्दी कक्षा 12 (पद्य)

बहुविकल्पीय प्रश्न

Hindi Kavya Sahitya ka itihas हिंदी पद साहित्य का इतिहास कक्षा 12 यूपी बोर्ड 2022|183 प्रश्नों का हल

हिंदी काव्य साहित्य का इतिहास ,  हिंदी पद साहित्य का इतिहास, हिंदी काव्य साहित्य का विकास, हिंदी पद साहित्य का विकास बहुविकल्पीय कक्षा 12 यूपी बोर्ड परीक्षा – Hindi kavya sahitya ka vikas inter up board inter hindi 

Class 12th (Intermediate)Board UP Board (UPMSP)
Subject Hindi & General Hindi TopicHindi Kavya (Padya) Sahitya Ka Vikas || हिंदी काव्य साहित्य का विकास बहुविकल्पीय प्रश्न 
प्रश्न संख्या 61  से 121 तक सभी 183 प्रश्न यहाँ क्लिक करें –  पेज  1,  2,  3

प्र.61.छायावादोत्तर काल का समय माना जाता है

उ. सन्1938से सन्1943ई.

प्र.62. ‘साकेत’ कृति के रचनाकार हैं

उ. मैथिलीशरण गुप्त

प्र.63. ‘वीरगाथा काल’ के कवि हैं

उ. चन्दरबरदायी

प्र.64.निम्नलिखित में से कौन-सी रचना भक्तिकाल में लिखी गई?

उ. सूरसागर

प्र.65.’दीपशिखा’ का रचयिता कौन है? अथवा दीपशिखा किसकी रचना है?

उ. महादेवी वर्मा

प्र.66.निम्नलिखित में से रीतिबद्ध धारा के कवि कौन नहीं हैं?

उ. चिंता मणि

प्र.67.’वैदेही वनवास’ के कवि का नाम है अथवा ‘वैदेही वनवास’ के रचयिता हैं

उ. अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध

प्र.68. ‘यामा’ रचना है

उ. महादेवी वर्मा

प्र.69.’कला और बूढ़ा चाँद’ के रचनाकार हैं

उ. सुमित्रानंदन पंत

प्र.70.हिन्दी साहित्य के किस काल को ‘स्वर्ण युग’ कहा जाता है?

उ. भक्तिकाल

प्र.71.’पारिजात’ किस कवि के गीतों का संकलन है?

उ. अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध

प्र.72.’अज्ञेय’ द्वारा सम्पादित सप्तकों की संख्या है

उ. चार

प्र.73. किस कवि को ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ नहीं मिला?

उ. जयशंकर प्रसाद

प्र.74.मैथिलीशरण गुप्त द्वारा रचित कृति है

उ. प्रतिक्षण

प्र.75.वीरगाथाकाल की प्रमुख विशेषता है

उ.युद्धों का सजीव वर्णन

प्र.76. निम्नलिखित में कौन प्रेमाश्रयी शाखा के कवि नहीं हैं

उ. सूरदास

प्र.77.कौन-सी रचना अज्ञेय की नहीं है?

उ. रेणुका

प्र.78.’रामधारीसिंह ‘दिनकर’ द्वारा रचित ग्रंथ है

उ. हुंकार

प्र.79. ‘तारसप्तक’ के प्रवर्तक हैं

उ. अज्ञेय

प्र.80. कवि ‘हरिऔध’ का रस है

उ. शृंगार

प्र.81.’चित्र धार’ काव्य की भाषा है

उ. ब्रज

प्र.82. कवि पन्त समाजवाद की ओर उन्मुख हुए

उ. ग्राम्या मे

प्र.83. ‘सन्धिनी’ गीत-संग्रह है

उ. महादेवी वर्मा

प्र.84. ‘दिनकर’ को ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला

उ. सन् 1972

प्र.85. रामधारीसिंह ‘दिनकर’ की रचना है

उ. परशुराम की प्रतीक्षा

प्र.86. सुमित्रानन्दन पंत को ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था

उ. कला और बूढ़ा चांद पर

प्र.87.’तीसरा सप्तक’ का प्रकाशन वर्ष है

उ. सन् 1959ई.

प्र.88.’परिमल’ के रचनाकार हैं

उ. सूर्यकांत त्रिपाठी निराला

प्र.89.कामायनी में सर्गों की संख्या है

उ. पन्द्रह

प्र.90.’प्रसाद’ की कृति जिसके नायक मनु हैं

उ. कामायनी

प्र.91.मैथिलीशरण गुप्त की एक अनूदित रचना है

उ. मेघनाद वध

प्र.92’यशोधरा’ के रचनाकार हैं.

उ. मैथिलीशरण गुप्त

प्र.93.सुमित्रानंदन पंत की रचना नहीं है.

उ. रसवन्ती

प्र.94.योध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ की रचना है

उ. रसकलश

प्र.95.रीतिकाल से सम्बन्धित रचना है

उ. बिहारी सतसंई

प्र.96.छायावादोत्तर कवि हैं

उ. अज्ञेय

प्र.97.’कठिन काव्य के प्रेत’ कहे जाते हैं

उ. केशव

प्र.98.शोक गीत है

उ. सरोज स्मृति

प्र.99.द्विवेदी-युग में लिखी गई रचना है

उ. प्रिय प्रवास

प्र.100.’रामचरितमानस’ में कुल काण्डों की संख्या है

उ. सात

प्र.101.रीतिकाल के रीतिसिद्ध काव्यधारा के प्रतिनिधि रचनाकार हैं

उ. बिहारी

प्र.102. आधुनिक युग की मीरा हैं

उ. महादेवी वर्मा

प्र.103.’चाँद का मुँह टेढ़ा है’ के रचयिता हैं

उ. मुक्ति बोध

प्र.104.’बीती विभावरी जाग री गीत के प्रणेता हैं

उ. जयशंकर प्रसाद

प्र.105.हिन्दी का प्रथम महाकाव्य माना जाता है

उ. प्रथ्वी राज रासो

प्र.106.रीतिकाल का अन्य नाम है

उ. शृंगार काल

प्र.107.अमीर खुसरो कवि हैं

उ. आदिकाल के

प्र.108.सूफी काव्य धारा के कवि हैं

उ. मलिक मुहम्मद जायसी

प्र.109.’परमाल रासो’ किस काल की रचना है?

उ. जगनिक

प्र.110. मैथिलीशरण गुप्त आधुनिककाल के किस युग से सम्बन्धित हैं?

उ. द्विवेदी युग

प्र.111.छायावाद की विशेषता है

उ. सौन्दर्य और प्रेम

प्र.112.’लोकायतन’ कृति के रचनाकार हैं

उ. सुमित्रानन्दन पंत

प्र.113. भारतेन्दुयुगीन लेखक हैं

उ. प्रताप नारायण मिश्र

प्र.114.छायावादयुगीन गद्य का समय माना जाता है

उ. सन् 1919ई. से सन् 1938ई.

प्र.115.नई कविता’ के प्रवर्त्तक माना जाता है

उ. डॉक्टर रामस्वरूप चतुर्वेदी

प्र.116. ‘शृंगार लहरी’ के रचयिता हैं

उ. जगन्नाथदास रत्नाकर

प्र.117.’निज भाषा उन्नति अहे, सब उन्नति को मूल उक्ति के लेखक हैं

उ. भारतेंदु हरिश्चंद्र

प्र.118. ‘छायावाद काल’ की अवधि है अथवा छायावाद काल का समय है

उ. सन् 1919ई. से सन् 1938ई.

प्र.119. ‘नीरजा’ के रचनाकार हैं

उ. महादेवी वर्मा

प्र.120. ‘कविवचन सुधा’ पत्रिका का प्रकाशन किया हैं

उ. भारतेंदु हरिश्चंद्र

प्र.121. ‘अनघ’ के रचनाकार हैं

उ. मैथिलीशरण गुप्त

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